Friday, July 23, 2010

एक सोंच जो बदल दे आपकी दुनिया.........

एक किस्सा आपके साथ बांटना चाहता था क्योंकि ये किस्सा मुझे हमेशा कुछ अच्छा और बेहतर करने की प्रेरणा देता है ये किस्सा शायद आपको भी अच्छा लगा।


एक छात्र था जो पांचवी के कक्षा में पड़ाइ करता था उस छात्र को अपनी गणित के शिक्षक से बड़ा डर लगता है क्योंकि उसे लगता था कि गणित बहुत गठीन विषय है और वो गणित में कमजोर है। उसे आए दिन कक्षा में गणित के नाम पर टीचर की मार और ड़ाट खाना पड़ता था उसके मन में ये बात घर कर गई थी कुछ भी हो जाए गणित उससे नहीं बन पायेगी और इसी के चलते वो लड़का गणित के क्लास में ध्यान नहीं देता था और दुसरी खयालों में खोया रहता था एक दिन गणित के क्लास में वो खिड़खी कि तरफ देखते अपनी खयालों में खोया हूवा था। तभी अचानक घंटी की अवाज आयी और उसका ध्यान टुटा. अचनाक जब ब्लैक बोर्ड में देखा तो वहां तीन सुत्र लिखा हुवा था। चुकिं क्लास में उसका ध्यान नहीं था सो वो टीचर की बातें नहीं सुन पाया था ।उसने ये तीनो सुत्र अपनी कापी में लिख कर घर चला गया। अगले दो दिन स्कूल की छुट्ठी थी तो उसको लगा कि टीचर ने ये सुत्र दो दिन के छुट्टी में होमवर्क के रुप में हल करने के लिए दिया है। अब घर पर वह दिये हुए सुत्र को हल करने की कोशिस करने लगा । चुंकि सुत्र काफी कठीन था औऱ टीचर के मार के डर के चलते पुरी जोर सोर से उस गणित के सुत्र को हल करने लगा । काफी मशक्कत के बाद उस छात्र ने दो सुत्रों को हल किया मगर तीसरा सुत्र हल नहीं कर पाया । जब छुट्टी के बाद वो छात्र स्कूल पहुंचा तो पहले से हि वह गणित के टीचर के पास कापी लेकर चला गाय क्योंकि वो जानता था कि सबसे पहले टीचर उसी से पुछेगा।

“उसने टीचर को कापी देकर कहा कि सर कृपया मुझे माफ कर दें मैं दो हि सुत्र हल कर पाया ....तीसरा सुत्र हल नहीं हो पाया. सर कृपया मुझें मारना मत में आग से पुरा गणित हल कर के लाउंगा।
टीचर : टीचर को कुछ समझ नहीं आया उसने छात्र को डांटते हुए कहा कि क्या बकवास कर रहे हो.मैने कोई सवाल दिया हि नहीं था तो तुम क्या हल कर के लाए हो.


छात्र को लगा कि टीचर मजाक उडा रहे हैं सो उसने फिर से कहा सर इस बार मुझे माफ कर दें अगली बार में पुरा सवाल हल कर के लाउंगा। छात्र के चेहरे में डर देखते हुए टीचर नें उसकी कापी चेक किया औऱ हदप्रभ रह गए.उसने छात्र से पुछा ये तुमने क्या किया छात्र ने डर के मारे फिर से गिडगिड़ाने लगा कि पता नहीं अब क्या गलती कर दी। छात्र ने कहां सर कृप्या मुझे माफ कर दें मैं दो सवाल हि हल कर पाया अगली बार मैं पूरा सवाल हल कर के लाउंगा। टीचर ने पुछा क्या ये सवाल तुमने ही हल किया है तो डरते हुए छात्र ने कहा हां सर मैने किय हल किया है। टीचर नें उससे पुछा तुझे पता है तूने क्या कर दिया है मैं जब ये सुत्र क्लास में लिखा रहा था तो तुम्हारा ध्यान कहां था तुमने सुना था मैंने क्या कहा था छात्र नें कहा नहीं माफ किजिएगा मेरा ध्यान क्लास में नहीं था तब उसके टीचर ने बताया कि ये सुत्र ब्लेक बोर्ड में लिख कर ये बताया था कि गणित के ये तीन सुत्र दुनिया मैं गिनती के लोग ही हल कर पाये है या इस सुत्र को समझा पाए है और तुमने उन तीन सुत्र में से दो को हल कर दिया है और मैं हैरान इस कारण से हूं कि एक पांचवी क्लास का लड़का गणित के इतने कठीन सुत्र को हल कर दिया ।
मैं आपको बता दूं कि पांचवी का ये छात्र कोई औऱ नहीं हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति और परमाणू वैज्ञानिक ए.पी. जे अब्दुल कलाम जी थे।

क्लास के बाकी छात्रों ने ये प्रयास ही नहीं किया क्योंकि उन लोगों ये टीचर से ये सुन रखा था किय ये तीन सुत्र दुनिया में बहुंत हि कम लोंगो ने हल करने में सफलता प्राप्त किया है तो उनके हल करने का सवाल हि पैदा नहीं होता। आम जिन्दगी में भी लोग बड़े या कठिन कामों को करने से हमेसा हिचकिचाते है क्योंकि उनको पता होता है कि ये काम किसी ने नहीं किया तो हम कैसे कर पाएंगे। कुछ लोग सोचते है कि भगवान ने फला व्यक्ति को ज्यादा दिमाग दिया या ज्यादा होशियार बनाया है मगर ऐसा नहीं।
मैं यहां इस किस्से के जरिए सिर्फ इतना हि कहना चहाता हूं किसी कि भी बुद्धि ज्यादा या कम नहीं होता या कहें कि किसी में ज्यादा या किसी में कम क्षमता होती है ऐसा भी नहीं है क्योंकि हमें जीवन दिने वाले उस परम पिता परमेश्वर ने किसी को भी बुद्धि क्षमता देने में कोई भेदभाव नहीं किया है और सभी को समान रुप से दिमाग दिया है फर्क सिर्फ इतना है कि हम इस क्षमता का कितना उपयोग करते हैं।

2 comments:

vandana gupta said...

बहुत ही शिक्षाप्रद जानकारी दी…………बेहतरीन्……………आभार्।

निर्झर'नीर said...

exceelent ..

plz remove the word varification