Saturday, July 31, 2010

कॉमनवेल्थ गेम या बर्बादी.....

कुछ दिनो बाद हमारे देश में कॉमनवेल्थ गेम शुरू हो जाएगे जिसकी उलटी गिनती चल रही है...दिल्ली में इसके तैयारी बड़ी जोर शोर से चल रही है सरकार ने कई स्तरों पर समीतिया गठित कि है हजारो करोंड रुपय खेल विभाग को दिया है इस गेम को सफल बनाने के लिए. लेकिन इस आयोजन के कुछ पहलूओं पर मैं आपका ध्यान केन्द्रित करना चाहता हूं .........
आपको मालूम होगा कि कॉमनवेल्थ गेम उन देशों में होता है जो कभी इंग्लैड के गुलाम हुआ करते थे मतलब हमारे देश को आजाद हुए 61वर्ष बीत चुके है लेकिन लगता है कि हमारे नेता हमें गुलामी की उस पीड़ा की भूलने देंगें. क्या ये नेता भूल गये है कि इसी इंग्लैंड के शासन से देश को आजाद करना के लिए हमारे देश के सैंकड़ो देश भक्त आपनी प्राणों की आहूती दे चुके हैं । करोंड़ो देश वाशियों के उस दर्दनाक जख्म को फिर से याद दिलाने की कोशिस है कॉमनवेल्थ गेम। चलो मैं ये भी मान लू कि अब परिस्तिथी काफी बदल चुकी है लेकिन जिस देश में आज भी 40 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा ने नीचे आते है और जो दो वक्त की रोटी ,स्वास्थ सुविधोओं जैसी मुलभूत समस्याओं के लिए संघर्ष कर रही हो उस जैसे देश में खेल के नाम पर 35 हजार करोंड रुपय फूंक दिया जाए तो ये कहां तक सही है क्या इससे हमारे देश की समस्या में कमी आयेगी या हमारे देश का नाम रोशन होगा। कुछ भी नहीं तो फिर ऐसे व्यर्थ के आयोजन करने से क्या लाभ। 35 हजार करोंड रुपय जैसे भारी भरकम रकम को खेल कूद जैसे आयोजनों में खर्च करना कहां तक सहीं है इतनी रकम इस खेल के लिए जरूरी है या फिर हमारे देश के जरुरत मंद लोगो के उत्थान के लिए। शायद मैं अपनी शब्दों से लिख कर बता ना पाऊ लेकिन कभी आप उन गरीब बस्ती में जा कर देखे तो समस्या की भयवाहकता का आपको सहज अंदाजा होजाएगा. किसी सरकारी अस्पताल में बिलखते परिवार को देखे जो अपने किस परिजन के इलाज के लिए अस्पताल के एक कोने में परिवार के सदस्य के ठीक होने का इंतजार कर रहा होता है इस तरह पता नही कितनी ही गंभीर समस्याओं से घिरों देश के नागरिकों को इस कॉमनवेल्थ गेम के झूटी शान से क्या मिलने वाला है
मैं यहां सिर्फ इतना बताना कहना चाह रहा हूं कि हमारे देश में जहा आधारभूत चिजों को लिए लोगो को इतना संघर्ष करना पड़ता हो उस देश में इस तरह के व्यर्थ आयोजनो से क्या लाभ ना तो इससे हमारे देश का भला होने वाला है ना हि हमारे देश के नागरिकों का........।

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