वैसे तो हम सभी जानते है कि 100 करोंड़ से अधिक आबादी वाले हमारे भारत देश में लोगों के आस्था के कई रुप देखने को मिलते है ऐसे ही कुछ देवी देवताओं से आज मैं आपको मिलवाने जा रहा हूं। आपने देखा हि होगा लोग आस्था के चक्कर में भगवान का अस्तितव की तलाश हर चीज में करने लगते है।
आज आपको आस्था के कई पहलूं से अवगत करा रहा हूं सबसे पहले बात करते है गुजरात के पाटन छेत्र में स्तिथ चुड़ौल देवी कि...भक्तो का मानना है कि यहां इस्तिथ चुड़ौल माता की मंदिर लोगो को प्रेत बाधा और चुड़ौल जैसे आपदा से ऱक्षा करती है। ठीक है आस्था की कोई परिभाषा नहीं होती तो ये भी संभव होगा। ऐसे ही एक मंदिर है मध्यप्रदेश की चित्रकोट में खटखटा चोर देव का मंदिर। यह एक चोरदेव का मंदिर है औऱ ये चोर देवता लोगों के पांपो को चुराते है। जय हो चोर देवता कि......लोग भगवान को किन किन रूपों में देखते है उसका उदाहरण राजकोट में एक चॉकलेट देवी का मंदिर है यहां लोग भगवान को फास्ट फूड का भोग लगाते है प्रसाद के रुप में पानी पुरी और चॉकलेट का चड़ावा चड़ाते है। क्षमा चाहूंगा लेकिन ये आधूनिक भारत के शायद ये आधूनिक भगवान होंगे जो चॉकलेट और गुपचूप जैसे चटखरेदार भोग करतें है.
लोगो के जरुरत के हिसाब से भी भगवान हमरे देश में मौजूद है एक ऐसे हि भगवान मवजूद है जो स्पेशल पुजा पाठ से नौकरी औऱ प्रमोशन दिलाते है जी हां एक ऐसे ही मंदीर जयपुर के स्तिथ है जिसको लोग रोजगारेश्वर देव के नाम से जानते है औऱ लोगो का मानना है भगवान रोजगारेश्वर उनको रोजगार दिलायेंगें तथा जो लोग नौकरी कर रहे है उनको वो प्रमोशन दिलाऐंगे। ये तो लोगों के आस्था का एक नमूना मात्र है । लगता है भगवान का स्वरूप लोगो के जरुरत औऱ मांग के हिसाब से होता है। ऐसे लगता है मानो आस्था के इस सारे प्रपंच का उद्देश्य सिर्फ एक ही है कि कैसे भी करके भगवान खुस हो जाएं और उन्होने जो अपनी मांग या डिमांड की जो लंबी लिस्ट भगवान को दे ऱखा है वो पुरा हो जाए। या कहें तो एक प्रकार से भगवान को खुलेआम रिस्वत देने का काम चलता है।
आजकल इसका फायदा मोबाईल कंपनियां भी उठा रही है ऐसे हि मामला मैने देखा जब मेरे मोबाईल फोन पर मेरे दोस्त का एक मैसेज आए जिसमें साई वावा के नाम पर कुछ श्लोक लिखा थे औऱ नीचे लिखा था कि ये मैसेज 25 लोगो को भेजों तो उस दिन अच्छी खबर मिलेगी नहीं कुछ बुरा हो सकता है । खैर मेरे दोस्त नें मुझे औऱ मुझ जैसे 25 लोगों को ये मैसेज भेजकर अपना काम को कर लिया अब उसको खुशखबरी मिली की नहीं ये तो नहीं मालूम अब चुंकि मैंने भी अपने मोबाईल पर ये मैसेज पड़ चुका था तो सोंचा कि भगवान आजकल कितना हाईटेक हों गये है जो मैसेज के द्वारा आपना प्रचार कर रहे है। खैर मैने तो ऐसा नहीं किया। लेकिन लोग ये बात समझे तब ना।
लोगो को भगवान के नाम पर डराकर जो लोग अपनी रोटी सेंक रहे है वो तो दोषी है हि मैं उन लोगो को भी दोषी मानता हू जो लोग उस परमशक्ति को इन बेकार की ढकोसलों से आपना स्वार्थ पुरा करने के लिए रिस्वत देने की कोशिस रहते है। मै सिर्फ इतना कहना चहाता हूं कि वो परमशक्ति जो स्वंयम इस सृष्टि का विधाता है उसकी अराधना के लिए ये व्यर्थ के ढकोसलों की कोई जरूरत नहीं हैं।
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